SCO Summit 2025: Importance, Agenda, Members aur India ka Role
SCO Summit 2025: Importance, Agenda, Members aur India ki Role
SCO Summit 2025 अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और एशिया के आपसी सहयोग के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है घटनाओं में से एक है । Shanghai Corporation Organisation (SCO) एशिया का सबसे बड़ा राजनीतिक, आर्थिक और रक्षात्मक संघटन है, SEO लगभग दुनियां की 40% आबादी और 20% GDP को संभालता है अर्थात इसके अन्दर आती है।
इस साल SCO Summit 2025 में एशिया के देशों के बीच संबंध, व्यापार, सुरक्षा और उर्जा जैसे विषयों पर गंभीर और नए फैसले लिए जा सकते हैं। इस article में हम विस्तार से जानेंगे की SCO क्या है, इसका इतिहास क्या है, SCO Summit 2025 के प्रमुख मुद्दे, वैश्विक प्रभाव और इसमें भारत की भूमिका क्या होगी ।
SCO Summit (Shanghai Corporation Organisation) kya hai ?
- SCO को चीन के Shanghai में, 2001 में शुरू किया गया था
- पहले इसे Shanghai Five कहा जाता था (China, Russia, Kazakhstan, Kyrgyzstan, Tajikistan)
- बाद में आगे चलकर इसमें Uzbekistan जुड़ गया जिससे इसका नाम SCO रखा गया
- 2017 में भारत और पाकिस्तान भी इसके सदस्य बन गए
SCO के मुख्य उद्देश्य क्या क्या हैं ?
- क्षेत्रिय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करना
- आर्थिक विकास के साथ साथ व्यापार को बढ़ावा देना
- उर्जा और संयोजकीय परियोजनाओं में साझेदारी करना
- सांस्कृतिक और शैक्षणिक आदान प्रदान करना
- विश्व की सभी व्यवस्थाओं को समर्थन देना
SCO Summit 2025 कब और कहा होगा ?
हर साल SCO Summit अलग अलग सदस्य देशों में होती है।
- SCO Summit 2024 Kazakhstan में हुई थी
- ऐसा अनुमान है की SCO Summit 2025 , चीन के तियानजिन में 31, अगस्त से 1 सितम्बर तक होगी
SCO Summit 2025 का मुख्य agenda क्या होगा ?
- क्षेत्रिय सुरक्षा और आतंकवाद – अफगानिस्तान की स्थिति और आतंकवाद के खतरे पर चर्चा
- भारत-चीन का relation – सीमा विवाद चलने के बावजूद सहयोग की सम्भावना
- उर्जा सहयोग – मध्य एशिया के गैस और तेल तक पहुँच बनाना
- संयोजकीय परियोजनाएं – BRI (Belt and Road Initiative) और INSTC (International North-South Transport Corridor)
- Digital अर्थव्यवस्था और AI – Technology को साझा करना
- व्यापार और Finance – डॉलर पर निर्भरता कम करना और घरेलू मुद्राओं से व्यापार करना
SCO के सदस्य और साझेदार
स्थाई सदस्य :
- China
- Russia
- India
- Pakistaan
- Kazakhstan
- Kyrgyzstan
- Tajikistan
- Uzbekistan
Observers:
- Afghanistan
- Belarus
- Mongolia
Dialogue Partners:
- Turkey
- Sri Lanka, Nepal
- Cambodia
- Azerbaijan
SCO Summit 2025 में भारत की भूमिका
SCO भारत के लिए एक बड़ा राजनीतिक मंच है ।
SCO से भारत को लाभ:
- उर्जा की सुरक्षा – मध्य एशिया से तेल और गैस आसानी से आयात किये जा सकते हैं
- आतंकवाद के खिलाफ सहयोग – पकिस्तान के साथ एक ही मंच पर होने के कारण आतंकवाद पर बात की जा सकती है
- Geopolitical स्थिरता – रूस और चीन के बीच भारत की आत्म निर्भर स्थिति
- व्यापारिक मार्ग – INSTC और दूसरी संयोजकीय परियोजनाओं से भारत को फायदा होगा
- अन्य क्षेत्रो में प्रभाव – योग,आयुर्वेद, तकनिकी और शिक्षा के क्षेत्रो में विस्तार
भारत के लिए चुनौतियाँ:
- चीन और पाकिस्तान के साथ राजनीतिक तनाव
- BRI (Belt and Road Initiative) पर असहमति
- रूस–चीन के ज्यादा करीब होने से की स्थिरता
SCO Summit 2025 के अपेक्षित परिणाम:
- नए व्यापारिक और उर्जा समझौते हो सकते हैं
- आतंकवाद के खिलाफ कोई सामूहिक घोषणा हो सकती है
- Digital Technology और AI के लिए साझेदारी हो सकती है
- भारत–चीन के बीच राजनीतिक रिश्ते ठीक होने की उम्मीद
- मध्य एशिया में नए connectivity परियोजनाएं
SCO Summit 2025 का वैश्विक प्रभाव:
- एशिया में नया power balance बनेगा
- पश्चिमी देशों ख़ास कर अमेरिका और NATO के लिए प्रतिकार होगा
- भारत को नया मंच मिलेगा अपनी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए
- छोटे देशों को भी बड़े देशो के साथ बराबरी करने का मौका मिलेगा
Conclusion (निष्कर्ष):
SCO Summit 2025 एक ऐसा कार्यक्रम और इंतना विशेष कार्यक्रम होगा की जो एशिया ही नहीं पुरे विश्व को प्रभावित करेगा। भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर है जिसमें वह अपने रणनीतिक हितों को सुरक्षित कर सकता है - चाहे वह ऊर्जा सुरक्षा हो, व्यापार के अवसर हों या आतंकवाद के खिलाफ सहयोग हो।
आने वाले समय में एससीओ और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाएगा, और एससीओ शिखर सम्मेलन 2025 उसकी दिशा तय करेगा।
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